Tuesday, July 20, 2010

में एक विचार हु आप सब के भीतर हु !

में आप को ये बताने की आवशकता नहीं समझता के मंहगाई कितनी है !
बस कुछ ऐसा करो के किसी गरीब बच्चे को रोटी मिल सके !
धन्यवाद !















20 comments:

  1. में एक विचार हु ! जो आप के भीतर भी है

    वाह...
    अच्छी पोस्ट

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  2. अगर सबके मन में एक यही विचार जन्म ले ले तो शायद ये दुनिया बहुत जल्द स्वर्ग में तब्दील हो जाए.....

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  3. पं.डी.के.शर्मा"वत्स" जी
    आपने बिलकुल ठीक और सटीक बात की है

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  4. Acche vichar good

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  5. कम शब्दों में ही धार...बहुत खूब.

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  6. शानदार! प्रशंसनीय!!

    -डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश'
    सम्पादक-प्रेसपालिका (जयपुर से प्रकाशित पाक्षिक समाचार-पत्र) एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष-भ्रष्टाचार एवं अत्याचार अन्वेषण संस्थान (बास) (जो दिल्ली से देश के सत्रह राज्यों में संचालित है।
    इस संगठन ने आज तक किसी गैर-सदस्य, सरकार या अन्य किसी से एक पैसा भी अनुदान ग्रहण नहीं किया है। इसमें वर्तमान में ४३६६ आजीवन रजिस्टर्ड कार्यकर्ता सेवारत हैं।)। फोन : ०१४१-२२२२२२५ (सायं : ७ से ८) मो. ०९८२८५-०२६६६

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  7. सुविचार

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  8. बहुत अच्छी प्रस्तुति।

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  9. जब कोई बड़ी बात चन्द शब्दों में कही जाये, तो क्यों न उसे विचार का अचार कहा जाये. बहुत स्वादिष्ट !

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  10. चलिये कुछ तो किया जायेगा...आपकी अपील ज़रूर सरका से होगी
    http://merajawab.blogspot.com
    http://kalamband.blogspot.com

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  11. उत्तम प्रस्तुति ....
    _______
    http://coralsapphire.blogspot.com/2010/07/blog-post.html

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  12. main to bhayi speachless ho gaya yaha aakar ..kya kahun .. kadwe satya hai ..aur aapne bahut acche prastut kiya hai ..

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  13. कम शब्दों में ही धार...बहुत खूब.

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  14. इस नए सुंदर से चिट्ठे के साथ आपका हिंदी ब्‍लॉग जगत में स्‍वागत है .. नियमित लेखन के लिए शुभकामनाएं !!

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  15. हिंदी ब्लाग लेखन के लिए स्वागत और बधाई
    कृपया अन्य ब्लॉगों को भी पढें और अपनी बहुमूल्य टिप्पणियां देनें का कष्ट करें

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